आँखों में शान के मोती

खुशियों का माहौल बना.. जीवन को सजाते हैं


सुरेंद्र सैनी बवानीवाल


सभी सुर स्वर बनकर, 
आने लगे पटल पर. 
मस्तिष्क में कुछ हलचल हुई. 
चलो कोई मधुर संगीत बनाते हैं. 
और जीवन को सजाते हैं. 
सभी धुन एकसाथ आयी, 
गुनगुना सुमधुर गान लायी. 
वातावरण में कलोलती महक, 
पक्षियों का कलरव और चहक. 
हर मुख पर मुस्कान के मोती. 
आँखों में शान के मोती. 
पल-पल बनने लगा संगीत. 
एक-दूजे के होने लगे मीत. 
खुशियों का माहौल बना, 
हास-परिहास का कौल बना. 
कितना मधुर है ये "उड़ता ", 
मन के तारों सा संगीत बना. 



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