कहां चल दिए छोड़कर घोंसला -ज्योति बाबा

  • आत्महत्या निवारण में समाज के एकीकृत प्रयास के बिना आत्महत्या मुक्त भारत बनाना असंभव...
  • कोरोना के बाद देश में आत्महत्या की दर बढ़ी... 
  • खुदकुशी नहीं अंतिम फैसला..

प्रकाश शुक्ला

कानपुर। लोगों को किसी प्रकार का सदमा लगने, पारिवारिक कलह, बेरोजगारी, तलाक, प्रेम में विफलता, गरीबी,मानसिक स्वास्थ्य आदि के कारण भी लोगों को लगता है कि आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है जबकि यह तात्कालिक होता है आत्महत्या की भावना कोई स्थाई भावना नहीं होती और हर भावना की तरह समय के साथ खत्म हो जाती है जबकि उस क्षण यदि पेशेवर मनोचिकित्सक व अपनों का संवेदनापूर्ण साथ मिल जाए तो व्यक्ति उस स्थित से आसानी से निकल जाएगा। 

उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज अभियान कौशल के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया, अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी, उत्तर प्रदेश सोशल ऑडिट समिति व बेटिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वेबीनार शीर्षक देश में बढ़ती आत्महत्या कारण और निवारण पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख नशा मुक्त समाज आंदोलन के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही, ज्योति बाबा ने आगे कहा कि इन परिस्थितियों से उबरने के लिए लोग अक्सर शराब और ड्रग्स का सहारा लेते हैं जो उनकी स्थिति को और बिगाड़ देते हैं क्योंकि आत्महत्या के विचारों का सामना कर रहे व्यक्ति को ऐसा करने के लिए स्टीमुलांट्स भावावेग प्रदान करते हैं ज्योति बाबा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि दुनिया में आत्महत्या की दर 36% से बढ़ रही है जो मानवीय मूल्यों के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी अनिल सिंह ने कहा कि देश में हर रोज 450 लोग खुदकुशी करते हैं यानी हर घंटे 18 लोग आत्महत्या करते हैं जिस क्षेत्र में आत्महत्या की घटना होती है उस क्षेत्र के लोगों खासतौर पर लड़कियों और युवाओं पर घातक मानसिक असर पड़ता है। बेटियां फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ज्योत्स्ना जैन ने कहा कि एनसीआरबी के मुताबिक साल 2021 में 164000 एक लाख चौसठ हजार से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है सरकार द्वारा बढ़ती आत्महत्या रोकने के लिए राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम नीति बनाने की पहल समय की जरूरत है हम इसका स्वागत करते हैं। 
हेल्थ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर पी भसीन ने कहा कि दुनिया भर में होने वाली आत्महत्या में सर्वाधिक मौतें भारत में ही होती हैं इसीलिए प्रकृति की ओर लौटे और हर घर फूलों के पौधों की क्यारी अपने घर में लगाएं और देखभाल करें, आत्महत्या का विचार आएगा ही नहीं, बेटियां फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी अशोक कश्यप व महेश वर्मा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2019 में दुनिया में  सात लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है,सरकार द्वारा बच्चों के पाठ्यक्रम में आत्महत्या से बचाव की जानकारी दिए जाने का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। वेबीनार का संचालन सोशल ऑडिट के कुंदन सैनी व धन्यवाद प्रीति सैनी ने दिया। 

अंत में योग गुरु ज्योति बाबा ने आत्महत्या से बचने के लिए नशे से दूरी बनाते हुए योगमय जीवन चक्र अपनाने का अमृत संकल्प कराया।

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