नगर निगम प्रशासन मौन. कर्नल सतेंद्र सिंह की अवैध नियुक्ति?

SOP के अनुसार इनकी नियुक्ति एवं ट्रांसफर दोनों अवैध है..?

प्रमुख संवाददाता

लखनऊ. नगर निगम केंद्रीय कार्यशाला आर-आर विभाग में लगे कर्मचारियों का मकान तोड़ने में. अहम भूमिका निभा रहे कर्नल सत्येंद्र सिंह आजकल नगर निगम केंद्रीय कार्यशाला आर-आर विभाग मैं सुर्खियों पर चल रहा है. जिनका खुद  की नियुक्ति अवैध है. प्रार्थना पत्र के माध्यम से या जानकारी मिली है कि कर्नल सत्येंद्र सिंह की नियुक्ति अयोध्या नगर निगम में प्रवर्तन दस्ता की देखरेख के लिए की गई थी. 

वर्तमान में कर्नल सत्येंद्र सिंह लखनऊ नगर निगम में अहम पदों पर विराजमान हैं. जबकि इनकी नियुक्ति गलत रूप से हुई है क्या यह जानकारी उच्चाधिकारियों को या नगर निगम प्रशासन को नहीं है? या एक बड़ा सवाल है, जब कि कर्नल सत्येंद्र सिंह का रिटायरमेंट होने के बावजूद दो जगह से वेतन जैसी सुविधा का लाभ उठा रहे हैं जबकि या नियम विरुद्ध है.

सूत्रों की माने तो रिटायरमेंट का सवा लाख रुपया और नगर निगम से एक लाख  इनको दिया जा रहा है जबकि नगर निगम में लगे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन 8 से 9 महीने के बाद भी नहीं मिल पाता जबकि उनका वेतन मात्र 7500 से 8500 के बीच में है ऐसे कर्मचारियों को हटाने के लिए षड्यंत्र  के चलते इलेक्ट्रॉनिक बी टी एस एवं जी पी एस के माध्यम से उनके ऊपर चोरी जैसी घटना घटित हो रही है.

एक सर्वे के अनुसार कभी भी इलेक्ट्रॉनिक जैसे सामान पर विश्वास नहीं किया जा सकता लेकिन नगर निगम प्रशासन आजकल इलेक्ट्रॉनिक जैसे सामान पर विश्वास कर रहा है लेकिन जीता जागता इंसान पर भरोसा नहीं जता पा रहा परंतु खुद को ईमानदार कहने वाले कर्नल सत्येंद्र सिंह खुद अवैध नियुक्ति जैसे मामलों पर अपने आप को कैसे बचा पाएंगे? या तो आने वाला समय ही बताएगा.

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