साहित्य व्यक्ति को बदलने का कार्य करता है- डॉ आर बी कमल

ग़ज़ल संग्रह "गुलाब दूँ किसे-किसे" का हुआ विमोचन

Anand Singh

मिर्ज़ापुर। साहित्यकार आनंद अमित के ग़ज़ल संग्रह "गुलाब दूँ किसे-किसे" का विमोचन शुक्लहा मार्ग स्थित पंचवटी रेस्टोरेंट के हाल में रविवार को सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वय माँ विंध्यवासिनी राजकीय मेडिकल कालेज  मिर्ज़ापुर के प्रिंसिपल डॉ आर बी कमल और एडिशनल एस पी सिटी श्रीकांत प्रजापति थे। इसकी अध्यक्षता पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने की। 

मंचासीन विशिष्ट अतिथि साहित्य चेतना समाज, गाज़ीपुर के संस्थापक अमरनाथ तिवारी और जिला कृषि अधिकारी पवन प्रजापति, वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा, प्रोफ. डॉ गीता सिंह व प्रोफ. अखिलेश चंद थे। संचालन शुभम श्रीवास्तव ओम ने किया। यह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम साहित्य चेतना समाज, गाज़ीपुर के तत्वावधान में हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ आर बी कमल ने कहा कि साहित्य चिकित्सा जगत की तरह ही अपना दायित्व निभाता है। यहाँ भी भाई-भाई, दुश्मन-मित्र व अमीर गरीब में अंतर नहीं होता। साहित्य में सबके लिए सबकी बात उठाई जाती है। दूसरे मुख्य अतिथि श्रीकांत प्रजापति ने कहा साहित्य समाज का दर्पण होता है और समाज को नई दिशा देता है। उसका कार्य पुलिस से थोड़ा सा भिन्न होता है। 

पुलिस के पास दंड का प्राविधान है जबकि साहित्य मनुष्य को बदलने का कार्य करता है। कार्यक्रम की अध्यक्ष पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने आनंद अमित के ग़ज़लों की प्रसंशा करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि उनका क्षेत्र बहुत व्यापक है और उनके विभिन्न कार्यों से यहां के साहित्य लेखन को पनपने का एक बेहतरीन अवसर मिला है। उन्होंने आनंद अमित की ग़ज़ल को गाकर सुनाया।

मुख्य वक्ता भोलानाथ कुशवाहा ने लोकार्पित कृति "गुलाब दूँ किसे किसे" से ग़ज़ल के शेरों का उदाहरण देते हुए आनंद अमित के काव्य लेखन पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि उनका लेखन बहुत समृद्ध है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की बात इनकी रचनाओं में कही गयी है। 

डॉ गीता सिंह ने कहा कि मिर्ज़ापुर का साहित्य लेखन बहुत समृद्ध रहा है। मेरे पिता मुरलीधर अंश के समय से मैने देखा है कि यहां के रचनाकार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक बनाये हुए हैं। 

अमरनाथ तिवारी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मिर्ज़ापुर में हमें आकर खुशी हुई। यहां का साहित्य लेखन उच्च कोटि का है, आनंद अमित उसी परम्परा के कवि हैं। इनकी ग़ज़लें हमारे मन को प्रभावित करती हैं। 

विशिष्ट अतिथि कृषि अधिकारी पवन प्रजापति ने कहा कि मेरा जब से आनंद अमित अमित से परिचय हुआ है तब से देख रहा हूँ कि वह निरंतर साहित्य लेखन व उसकी समृद्धि के लिए जूट हुए हैं, यह यहां के लिए सौभग्य की बात है कि अनेक लोगों को विभिन्न माध्यम से सामने लाने का प्रयास किया है। संचालन करते हुए शुभम श्रीवास्तव ओम ने ग़ज़ल संग्रह से अनेक उद्धरण देकर आनंद अमित के काव्य लेखन की उच्चता को प्रदर्शित किया। 

इस अवसर पर विमोचित कृति के लेखक आनंद अमित ने इस पुस्तक से सभी का आभार व्यक्त करते हुए इस पुस्तक से ग़ज़लें सुनाई- बड़े ही कशमोकश में हूँ, सभी पसंद हैं मुझे। ये आप ही बताइए गुलाब दूँ किसे किसे।

इस दौरान काव्य पाठ करने वाले कवि थे- रमाशंकर सिंह यादव, संदीप कुमार बाला जी, मधु गुप्ता, पूजा यादव, केदारनाथ सविता, इरफान कुरैशी आदि। कार्यक्रम का संयोजन मिलन कुमार प्रजापति, एडवोकेट पंकज दुबे, अनिल कुमार, कमल व रामानंद ने संयुक्त रूप से किया। सभी मंचासीन व विशिष्ट जनों को साहित्य चेतना समाज, गाज़ीपुर की ओर से अंगवस्त्र भेंट कर स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।

इस दौरान शहर के विशिष्ट व्यक्ति अभिनव श्रीवास्तव, संतोषी निषाद, विध्यवासिनी देवी, विवेक सिंह, मनोज गुप्ता, रिंकू प्रजापति, चेखुर प्रजापति, डॉ प्रमोद पाठक, श्याम बाबू, चंद्रमा प्रसाद ओझा, रामाश्रय चौधरी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अंत में संयोजक एडवोकेट पंकज दूबे ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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