अयोध्या। उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार समाप्त कर रही है। प्रदेश सरकार की इस कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कड़ा विरोध जताया।
कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन में पत्रकार से बात करते हुए जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के तहत देखने वाली जाति के किसी भी व्यक्ति को अपनी खेती की जमीन किसी गैर-जाति के व्यक्ति को बेचने के लिए के लिए जिलाधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य है। मंजूरी दें समय जिलाधिकारी यह देखते हुए जमीन बेचने के बाद सूचना देने वाले लोगों के पास 3.125 एकड़ से कम जमीन बची है या नहीं। यदि अधिकार क्षेत्र के पास 3.12 5 एकड़ ज़मीन ज़मीन पर बिक रही हो तो जिला उसे बेचने की अनुमति नहीं देगा। साथ ही जैम सेल के लिए सबसे पहली शर्त यह थी कि जैम सेल वाले की डायरी का कोई वारिस ना हो और दूसरी शर्त यह थी कि किसी दूसरे प्रदेश में या कहीं और बस से सूचना दी जाए,
श्री यादव ने कहा कि उक्त कृत्य इसलिए लाए गए थे कि कोई भी रसूखदार व्यक्ति अपने धनबल व बाहुबल से किसी क्षेत्र की जमीन को जबरन हड़प ना ले गया। - बड़े व्यवसाय और उद्योगपति डेटालिटिक्स के दायरे पर अपने रसूख के बल पर कब्जा करने का प्रयास और छोटे एवं मझोले पर्लाइट समुदाय के किसानों पर इसका विरोध प्रभाव पड़ेगा।
जिला प्रवक्ता सुनील गौतम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा लपेटे और पैरों के लिए संघर्ष करती रहती है इसी क्रम में प्रदेश सरकार जा रही है इस प्रकार के पर्लिट-विरोधी फैसले की कांग्रेस पार्टी घोर विरोध करती है।
महानगरीय राष्ट्रपति वेद सिंह कमल ने जहां प्रदेश की पूंजी की सरकार है और वह इस देश से गरीबी को खत्म करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं, अगर यह अधिनियम की रोकथाम को हटा दिया जाता है तो इसकी सूचनाओं के लोगों के जीवन पर बहुत कुछ गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है।
पत्रकार वार्ता में पीसीसी के प्रमुख सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह, राम अवध पासी, राम सागर रावत, प्रवीण श्रीवास्तव आदि मौजूद हैं।
इसी मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी समुदाय जनजाति प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष राम सागर रावत अपने जाम के साथ अपना स्कैन को लेकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर परिसर तक पहुंच कर जिला अधिकारी के प्रतिनिधि ए डी एम प्रशासन अमित कुमार सिंह के माध्यम से अपना चेहरा को लेकर एक नियमों को प्रपत्र।
उनकी मुख्य मांग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जमींदारी उन्मूलन एवम भूमि सुधार 1950 की धारा 89 को बदल दी गई है, राम सागर रावत ने कहा कि सरकार इस कानून को वापस ले उग्र अन्यथा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
अवसर पर प्रदीप कोरी प्रदेश सचिव, श्रीमती कंचन दूबे, उमेश उपाध्याय , राम करन कोरी, राम अवध, राम भोर रावत, नंद कुमार मो अहमद, अर्जुन सोनकर, अनिल सोनकर, सेवादल मेट्रोपॉलिटन अध्यक्ष बसंत मिश्रा, बलवंत रावत के साथ अनुशासन की संख्या की संख्या जिला कांग्रेस कमेटी अनूसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अधिकारी के कार्यकर्ता शामिल रहे।
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