मुफ्त न्याय, शिक्षा व चिकित्सा उपलब्ध कराना सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी
हेमन्त कुशवाहा
भारतीय सामाजिक व्यवस्था के अंतर्गत सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग को उसके पारिवारिक जीवन की तीन मूलभूत समस्याएं न्याय, शिक्षा व चिकित्सा की गली से होकर गुजरना पड़ता है यानि उसकी बरसों की सेविंग आकस्मिक व गैर आकस्मिक मामलों में एक झटके में ही पूरी खत्म हो जाती है जिसके कारण उसकी आर्थिक समस्या का उत्पन्न होना लाजिमी है.
जिसकी भरपाई वह आखिरी सांस तक नहीं कर पाता है अर्थात उसकी पूरी जिंदगी इन्हीं झंझावातों में कट जाती है.
कोई भी सरकार भले ही युवा बेरोजगारों के लिए नौकरी के संसाधनों को पूरी तरह से उपलब्ध ना करा सके लेकिन सरकार को ये उक्त तीन मूलभूत चीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराने की सामाजिक जिम्मेदारी बनती है.
यकीनन इसी संकल्प शक्ति एवं क्रियान्वयन के साथ ही भारत की दिशा व दशा दोनों को निश्चित तौर पर बदल सकता है चूंकि भारत में सबसे ज्यादा संख्या व आर्थिक समस्या मध्यम वर्गीय परिवारों की ही है।
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