बाबू सिंह कुशवाहा की सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर के बाद भाजपा ले रही जिला प्रशासन का सहारा
जिला प्रशासन विपक्ष के नेता पर आचार संहिता का लगा रहा मुकदमा और सत्ता पक्ष के नेताओं को दे रहा बढ़ावा मामला पहुंच सकता है चुनाव आयोग
जौनपुर। वीरेंद्र कुमार मिश्रा आचार संहिता का उल्लंघन के मामले में सिर्फ विपक्ष पार्टियों पर क्यों होता है मुकदमा दर्ज बीजेपी के प्रत्याशियों पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में क्यों नहीं होता है मुकदमा दर्ज आचार संहिता उल्लंघन करने के आरोप में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
आचार संहिता का नियम केवल विपक्ष के नेताओं पर ही लागू होता है.?
इंडिया गठबंधन से प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा पर आचार संहिता उल्लंघन करने के आरोप में सिंगरामऊ और लाइन बाजार थाने में केस दर्ज हो चुका है। जबकि भाजपा प्रत्याशी महाराष्ट्र के पूर्व राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह और शाहगंज के विधायक रमेश सिंह द्वारा प्राथमिक विद्यालय में जाकर बच्चों से मोदी को वोट देने की अपील की गई थी।
जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वही आज सोशल मीडिया पर मछली शहर से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी बीपी सरोज मडियाहू क्षेत्र के एक बालिका इंटर कॉलेज में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है कि किसी भी प्राथमिक विद्यालय और इंटर कॉलेज में किसी भी प्रत्याशी को प्रचार प्रसार करना पूर्ण रूप से मना है यह निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में दर्शाया गया है उसके बावजूद भी आचार संहिता उल्लंघन करने के आरोप में सत्ताधारी नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
विपक्ष के नेता श्री कुशवाहा मैं जिला प्रशासन से सबसे बड़ा सवाल यह पूछा है कि क्या आचार संहिता का नियम केवल विपक्ष के नेताओं पर ही लागू होता है।
BJP प्रत्याशी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नही हो रही है। जिसको लेकर विपक्ष के नेताओं ने जौनपुर प्रशासन पर सत्ता पक्ष के प्रत्याशी को जीतने का गंभीर आरोप लगाया है वही इंडिया गठबंधन के नेता आयोग में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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