गुमनामी बाबा के रूप में दिवंगत हुए महात्मा की 39वीं पुण्यतिथि मनाई गई

रवि मौर्य

अयोध्या ।   देश में स्वतंत्रता नायक की जब भी बात होगी, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के त्याग और बलिदान का नाम सबसे आगे आएगा। फैजाबाद के राम भवन में 16 सितंबर 1985 को एक गुमनामी के रूप में दिवंगत हुए महात्मा की 39वीं पुण्यतिथि मनाई गई। भगवन जी/गुमनामी बाबा उर्फ़ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि पर गुप्तार घाट स्थित समाधि पर पुष्पांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुमनामी बाबा के बलिदान और त्याग का सही हक दिलाने और आज के युवाओं में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की अलख जलाए रखने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कई वर्षो से करते आ रहे है। 39वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने अध्यक्षता की। गुमनामी बाबा की पुष्पांजलि के उपरांत 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति  हेतु प्रार्थना की गई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा की चार-चार कमीशन बनने के बाद भी आज नेताजी की मृत्यु रहस्य  के घेरे में है। सरकार से उम्मीद है कि वह जल्द से जल्द विश्व के सबसे बड़े रहस्य का पर्दाफाश करेगी। यह अयोध्या का सौभाग्य है कि ऐसे महापुरुष ने अपने जीवन के अंतिम क्षण राम की धरती पर बिताए है ऐसे में अयोध्या ही नहीं वरन देश के युवाओं को आज नेता जी सुभाष चंद्र बोस की आवाज बनकर सरकार से आग्रह भी करना चाहिए कि श्रीराम कथा अंतरराष्ट्रीय संघ्रालय में बंद नेता जी के सामानों को देश के लिए समर्पित कर दिया जाए। पुण्यतिथि के कार्यक्रम में विजय कुमार गुप्ता पूर्व अध्यक्ष  नगर पालिका, पूर्व पुलिस उप अधीक्षक प्रीतम सिंह, विनोद शर्मा, देवेंद्र मिश्र दीपू, बेंगलुरु से आए केशव मोदी, कोलकाता से सृजन ज्योति बनर्जी, बीजेपी महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, शैलेंद्र  कोरी, बबलू खान, डिप्पल पांडे,  महानगर के  संघ चालक विक्रमा पांडे ,साकेत के प्रधानाचार्य अभय सिंह , कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वेद सिंह कमल, राजेंद्र प्रताप सिंह,उग्रसेन मिश्रा, क्षत्रिय बोर्डिंग के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के मनोज जायसवाल गगन जायसवाल सुप्रीत  कपूर,ओम प्रकाश नहर, संजय निषाद उद्योगपति पवन जीवनी, पूर्व पार्षद बुद्धि पाल प्रजापति, इत्यादि लोग सम्मिलित रहे ।

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