आठ सूत्री मांगों को लेकर लेखपाल नहीं घेरेंगे विधानसभा घेराव

उन्नाव। पिछले 16 दिन से कार्य बहष्किार कर धरना-प्रदर्शन कर रहे लेखपाल मांगें पूरी न होने तक हड़ताल पर रहेंगे। सीएए के विरोध के तनाव को देखते हुए 27 दिसंबर को विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

गुरुवार को लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने यह बात कही। उन्होंने लेखपालों से कहा कि अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई भी लड़नी पड़ सकती है।



विज्ञापन शहर के जीआईसी मैदान में धरना दे रहे लेखपालों के बीच पहुंचे उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममूरत यादव ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में चल रहे विरोध को देखते हुए 27 दिसंबर को लखनऊ में होने वाले विधानसभा घेराव कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।


घेराव के दौरान यदि किसी ने सीएए का विरोध किया तो वह लेखपालों पर ही मढ़ दिया जाएगा। इसलिए लेखपाल अब अपने जिलों में ही मांगे पूरी न होने तक धरना देते रहेंगे। लेखपालों की यह लड़ाई अब सम्मान पर आ गई है। इसलिए लेखपाल पीछे नहीं हटेंगे।




जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार पटेल ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दबाव व प्रलोभन देकर लेखपालों को वापस काम पर लाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उससे लेखपाल और एकजुट हुए हैं। मुख्यमंत्री व राजस्वमंत्री जब तक द्विपक्षीय वार्ता कर मांगों का हल नहीं निकालते, लेखपाल धरना देते रहेंगे।
जिला मंत्री कृष्णचंद्र व सदर तहसील अध्यक्ष सुधीर कुमार बाजपेई ने कहा कि वेतन विसंगति, ग्रेड पे, साइकिल भत्ता व स्टेशनरी भत्ता समेत कई अन्य मांगे हैं। लेखपाल जायज मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। सरकार उनकी मांग पूरी करने के बजाय उन पर कार्रवाई कर रही है। धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, राज्य संयुक्त कर्मचारी संघ, अटेवा पेंशन बचाओ मंच के पदाधिकारियों के साथ लेखपालों में अनिल द्विवेदी, रविकांत, अरुण, रामप्रसाद, शशिबिंद, अखिलेश पटेल, निशांत, राशी, दिव्या आकांक्षा, ममता, बेबी उपस्थित रहीं।



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