अवैध गैस सिलेंडर रिफिलिंग का व्यापार

राजू कुमार 


गोंडा | धानेपुर क्षेत्र के कस्बे समेत कई स्थानों पर जिम्मेदारों के ढुलमुल रवैये से रोंक के बावजूद भी घरेलु गैस सिलेंडरों का धड़ल्ले से व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। यही नही बल्कि घरेलु  सिलेंडरो का गैस छोटे सिलेंडरों में बगैर सावधानी बरते हुए नियमो को ताकपर रखकर अधिक लाभ कमाने के चक्कर में मनमाने दामो में यहाँ भरे जा रहे है।


चौंकाने वाली बात यह है की ऐसे प्रतिबंधित और खतरनाक कार्य शाशन प्रशासन के नाक के नीचे खुले बाजारों, चौक- चौराहो पर कई लोगो द्वारा धड़ल्ले से किये जा रहे है। धानेपुर बस स्टॉप के मुख्य कस्बे सहित यहाँ के अन्य बाजारों में यह कार्य कई लोग अपने घरो और दुकानों में घनी आबादी के बीच करते है और कस्बेवासियों तथा पड़ोसियों के लिए खतरा साबित हो रहे है। बताते चले की कुछ साल पूर्व ऐसे अवैध कार्य के चलते जिले के धानेपुर बाजार में एक भयानक अग्निकाण्ड भी हुआ था।



ऐसे ही कुछ कार्य और सिलेंडर के चलते दूकान और घर में गैस रिसाव के बाद भीषण आग लगी थी। और दमकल की कई गाडियो ने आग पर कड़ी मसक्कत के बाद काबू पाया था। यहाँ पड़ोसियों सहित सम्बंधित परिवार का काफी नुक्सान भी हुवा था और लोग चोटिल भी हुए थे।


धानेपुर मुख्य बाजार सहित क्षेत्र के अधिकतर होटलो सहित चाय, समोसों, मिठाइयो आदि के दुकानों पर बगैर किसी भय के घरेलू सिलेंडरो का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जो कभी भी किसी बड़े खतरे का कारण बन सकता है। जिम्मेदारों द्वारा इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


ऐसे में दुकानदार कुछ अधिक दाम देकर इधर उधर से घरेलू गैस सिलेंडर खरीद लेते हैं। बाजार सहित क्षेत्र में कई छोटे बड़े होटलो पर इनका उपयोग होते देखा जा सकता है। धानेपुर बस स्टॉप ,रामनगर ,आनंद नगर धानेपुर ब्लॉक आदि सहित कई जगहों पर होटलो और दुकानों पर खुले आम घरेलु सिलेंडरों का अवैध उपयोग जारी है।


कई दुकानदार तो होशियारी करके उपयोग के वक्त सिलेंडरों को छुपाकर रखते हैं। ताकि कोई उसे देख न सके। व्यावसायिक गैस सिलेंडर इसलिए बनाए गए हैं ताकि दुकानों, होटलों, प्रतिष्ठानों, ढाबों समेत अन्य व्यवसायिक उपयोग में उन्हें खरीदते हुए उपयोग में लाया जा सके, लेकिन व्यावसायिक सिलेंडर घरैलू गैस सिलेंडर से कहीं अधिक दाम होने पर लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं। और सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ता है। बताया जाता है की यह सिलेंडर घरेलू सिलेंडर की अपेक्षा मजबूत होते है और सुरक्षा के दृस्टि से भी ठीक होते है।


इन होटल संचालकों को ब्लैक में सिलेंडर आसानी से मिल जाते हैं। इसी का नतीजा है कि दुकानों पर कामर्शियल की जगह घरेलू गैस सिलेंडर देखे जा सकते हैं। क्षेत्र में ऐसे कई होटल हैं। जिनमें अवैध रूप से घरेलू सिलेंडरों का उपयोग बगैर किसी भय के किया जा रहा है। ऐसा होने पर यदि कही यह सिलेंडर फटता है, तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिस पर सम्बंधित खाद्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


सूत्रो की माने तो क्षेत्र में कुछ वाहनों में भी गैस किट लगी हुई है। जो घरेलू सिलेंडरो से चलाये जाते है। सम्बंधित वाहन संचालक पैसा बचाने के चक्कर में कामर्शियल की जगह घरेलु गैस सिलेंडर का उपयोग करना आसान समझ रहे है। बताया जा रहा है कि कुछ जगह यहाँ वाहनों में घरेलु गैस सिलेंडर की गैस रिफिलिंग भी अवैध तरीके से की जाती है। यह कहना गलत नही होगा कि यहाँ जिम्मेदारों के ढुलमुल रवैये से यह धंधा फल फूल रहा है। जो किसी दिन बड़े हादसों की वजह बन सकता है।



टिप्पणियाँ