अनुभव का तकाज़ा

  • अनुभव की ताकत में समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं..
  • अनुभव हमारे जीवन की सीख़ है..
  • अनुभव हमारे जीवन का अनमोल खजाना जिसे परिस्थितियों में ढलकर बहुमूल्य सीख़ के रूप में पाया है..
  •  ज्ञान से अनुभव की ताकत अधिक 

किशन भावनानी 

मानवीय जीवन में प्रत्येक मनुष्य में अनुभव की ऐसी अनेक विशेषताएं पाई जाती है जिसके बल पर समाज राष्ट्र में उनका आंकलन सकारात्मक और नकारात्मक रूप से किया जाता है। मसलन, कोई मनुष्य इमानदार, महत्वकांक्षी, परोपकारी, सेवाभावी, अनुभवी इत्यादि सैकड़ों सकारात्मक विशेषताएं हो सकती है और अपराधी, गुस्सैल, चिड़चिड़ा, बेईमान, चोर उचक्का, लफंगा इत्यादि सैकड़ों नकारात्मक विशेषताएं हो सकती है जिसके आधार पर समाज और राष्ट्र में उन व्यक्तियों के चरित्र का आंकलन कर उसे आगे बढ़ाया जाता है उसके आधार पर उसके भविष्य की सफ़लता, असफलता निश्चित होने में सहायक होती हैं। आज के आर्टिकल में हम इस एक बहुत बड़ी मानुषी ताकत अनुभव पर चर्चा करेंगे। 

आज अगर हम अनुभव की करें तो यह किसी समाज़, शिक्षण संस्था या बाजारों में मिलने या सीखने वाला गुण नहीं है बल्कि हर व्यक्ति का उसके जीवन यात्रा याने उम्र के बढ़ते चरण में आई परिस्थितियों में ढलकर, बहुमूल्य सीख के रूप में प्राप्त होता है! यह जीवन की कमाई और अनमोल ख़जाने में से एक है क्योंकि यह हर व्यक्ति के पास होता है चाहे वह अमीर हो या गरीब, पढ़ा लिखा हो या अनपढ़, बस जरूरत है अपने इस अनुभव के गुणों को पहचानने की!

हम अपने अनुभव पर बड़े बुजुर्गों की कहावतों की करें तो हमने सुने होंगे, यह बाल कोई धूप में सफेद नहीं किया, बड़ा तजुर्बेगार है, तजुर्बे का धनी है, अनपढ़ है पर तजुर्बेगार है, कितने साल का तजुर्बा है, अनुभव का तकाज़ा है, अनुमान गलत हो सकता है पर अनुभव नहीं,अनुभव का बादशाह है इत्यादि इत्यादि!

अनुभव की महत्वता की करें तो अनुभव मानवीय जीवन से जुड़ा एक अनमोल ख़जाना है इसी के बल पर मनुष्य बड़ी शोहरत प्राप्त करता है शासकीय, प्रशासकीय, निजी, बहुत बड़े-बड़े पदों पर नीतियां, रणनीतियां बनाने अनुभव के आधार पर ही प्रमोशन, नियुक्तियां होती है। 

केंद्र या राज्य सरकारों में मंत्रियों की नियुक्ति का एक महत्वपूर्ण आधार अनुभव भी होता है जिसका लाभ सिस्टम और जनता तक पहुंचाने के लिए उस प्रॉपर व्यक्ति की नियुक्ति उस मंत्रालय के हेड के रूप में की जाती है! 

यानें हम कह सकते हैं कि अनुभव एक ऐसी चाबी है जिससे अति पुरानें और बिगड़े ताले को खोलने याने समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होता है जो बहुमूल्य अस्त्र का काम करता हैं!

पीएम द्वारा राज्यसभा में सेवानिवृत्त होने वाले 72 सदस्यों को विदाई समारोह में संबोधन की करें, तो पीआईबी के अनुसार अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि, एकेडमिक ज्ञान की कभी-कभी बहुत सीमाएं होती हैं, वो सेमिनार में काम आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्‍त हुआ होता है उसमें समस्‍याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उसमें नयापन के लिए अनुभव का मिश्रण होने के कारण गलतियां कम से कम होती हैं। और इस अर्थ में अनुभव का अपना एक बहुत बड़ा महत्‍व होता है। और जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं तो बहुत बड़ी कमी सदन को होती है, राष्‍ट्र को होती है। 

आने वाली पीढ़ियों के लिए जो निर्णय होने वाले हैं, उसमें कुछ कमी रह जाती है। और इसलिए जब अनुभवी लोग जाते हैं उनके लिए यहां बहुत कहा जाएगा। लेकिन जब अनुभवी यहां नहीं है, तब जो हैं उनकी जिम्‍मेदारी जरा और बढ़ जाती है। वो जो अनुभव की गाथाएं यहां छोड़कर गए हैं, जो बाकी यहां रहने वाले हैं उनको उसको आगे बढ़ाना होता है। और जब वो आगे बढ़ाते हैं तो सदन की ताकत को कभी कमी महसूस नहीं होती है।  

मुझे विश्‍वास है कि आप जो साथी आज विदाई लेने वाले हैं उनसे हम जो सभी सीखे हैं, आज हम भी संकल्‍प करें उसमें से भी उत्‍तम है, जो श्रेष्‍ठ है उसको हम आगे बढ़ाने में इस सदन की पवित्र जगह का जरूर हम उपयोग करेंगे और ताकि देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा। पीएम ने कहा कि  कुछ सदस्य सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हों लेकिन वे अपने समृद्ध अनुभव को अपने साथ देश के कोने-कोने तक ले जाएंगे।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करउसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अनुभव का तकाज़ा! अनुभव की ताकत में समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। अनुभव हमारे जीवन की सीख़ है।अनुभव हमारे जीवन का अनमोल ख़जाना है जिसे परिस्थितियों में ढलकर बहुमूल्य सीख़ के रूप में पाया है। ज्ञान से अनुभव की ताकत अधिक है। 

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