नकली कीटनाशक लागत भी डकार रहे किसानों की

कीटनाशक बने 'किसाननाशक'

रामकुशल मौर्य 

अंबेडकरनगर शहर और ग्रामीण इलाकों में नकली कीटनाशक की बिक्री से किसान तबाह हो रहे हैं। कृषि विभाग जानबूझकर भी अनजान है।अक्सर छापेमारी में कमियां मिलने पर दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए जाते हैं। माहौल शांत होते ही रासायनिक और कीटनाशक विक्रेता जुगाड़ लगाकर लाइसेंस फिर बहाल करा लेते हैं। 

किसानों ने कहा हम लोग खेती में रबी और खरीफ में लगने वाले रोगों के बारे में अगर कृषि रक्षा इकाई गोदाम से संपर्क करते हैं तो वहां ठीक से बात नहीं की जाती। कम पढ़े लिखे किसानों को दुकानदार अपना नकली माल बेचकर फायदा उठाते हैं। नाम ना छापने की शर्त पर किसान ने बताया कीटनाशक के चलते उनकी सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई। फसल में लगे कीट को मारने के लिए तीन हजार की दवा डाली जिससे कीड़ा तो नहीं मरा फसल अवश्य चौपट हो गई। 

किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर कम कीमत में अधिक प्रभावी दवा होने की बात कहकर उसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। इन दवाइयों की किसी भी प्रकार की गुणवत्ता, दर्जे की जांच किए बिना किसान और सरकार के साथ धोखाधड़ी हो रही है। इन फर्जी दवाइयों की आपूर्ति (स्रोत) कहां से होती है और वितरण किस प्रकार से होता है? इसकी जानकारी केवल कृषि विभाग के अधिकारी ही जुट़ा सकते हैं।

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