कामचोर मौज करें कामकाजी सफर करें?

लेखराम मौर्य 
लखनऊ। ग्राम पंचायत में 2 वर्ष पूर्व नियुक्त किए गए पंचायत सहायकों का यह हाल है कि उन्हें विकासखंड कार्यालय के साथ-साथ जिले से लगातार फोन किया जाता है और अनुपस्थित रहने की सूचना भी दी जाती है परंतु विकासखंड मॉल में लगभग एक दर्जन ऐसे पंचायत सहायक हैं जो कभी भी कार्यालय नहीं जाते हैं और उनमें से अधिकांश के मानदेय का भुगतान जा रहा है जबकि जो पंचायत सहायक काम कर रहे हैं उनकी पंचायत में तैनात सचिव एवं प्रधान उनके फोन को रिचार्ज करने या वॉलेट में पैसे नहीं डालते हैं। 
ग्राम पंचायत चंदवारा की पंचायत सहायक ने कहा कि उनकी पंचायत में अभी तक इनवर्टर तक नहीं खरीदा गया है जिससे बिजली चैन चले जाने पर कोई काम नहीं हो पता है इसके अलावा सचिव ने उनसे कह रखा है कि आप अपने पैसे से रिचार्ज कराइए और जनता से पैसे वसूलिए। 
ग्राम पंचायत में प्रधान ने अभी तक 3 साल का समय पूरा होने जा रहा है लेकिन फर्नीचर के नाम पर एक कुर्सी नहीं खरीदी है और न ही मेज खरीदी है यहां लगा कैमरा इतना घटिया क्वालिटी का है कि वह लगाने के 2 महीने बाद से ही बंद पड़ा है और उसके तार अभी से टूटने लगे हैं। 
इसी तरह ग्राम पंचायत सिसवारा की पंचायत सहायक ने बताया कि उसके प्रधान भी कभी रिचार्ज नहीं करते हैं। ग्राम पंचायत सिसवारा, बहिर, नरायनपुर सहित कुछ पंचायतों में अभी तक कैमरे नहीं लगाए गए हैं। 
जहां कहीं लगे भी हैं उनमें से कई जगह के कैमरे खराब भी हैं जिससे उनके लगाने और न लगाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

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