स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ लंबित मांगों को लेकर मुख्यालयों पर करेगा आन्दोलन


प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री, भारत सरकार के संज्ञान में लिये जाने के बाद भी प्रदेश सरकार की मंशा कर्मचारी हित में नही

मनोज मौर्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ महासंघ द्वारा निकाय कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं के समाधान हेतु गत वर्षों से प्रदेश सरकार/शासन का ध्यानाकर्षण-आन्दोलन, ’’ज्ञापन’’, पत्राचार, कार्यबन्दी, धरना-प्रदर्शन आदि के माध्यम से लगातार संघर्ष करता चला आ रहा है। जिसके क्रम में 13 सूत्रीय मांगों प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा गत वर्षाें में प्रमुख रूप से चार बैठके किये जाने के पश्चात भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका, जिससे प्रदेश के निकाय कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

महासंघ द्वारा गत वर्ष निकाय कर्मचारियों की सेवा सम्बन्धी एवं अन्य समस्याओं का समाधान न होने के कारण प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री का ध्यानाकर्षण कराया गया था, जिसके क्रम में अगस्त, 2020  प्रधानमंत्री के कार्यालय द्वारा व अगस्त, 2023 को रक्षामंत्री के कार्यालय से निकाय कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री व प्रमुख सचिव, नगर विकास को पत्र  प्रेषित किये जाने के बावजूद भी इतना लम्बा समय व्यतीत होने जाने के पश्चात कोई भी सकारात्मक निर्णय/आदेश जारी नहीं किये जाने से प्रमुख मांगें अकेन्द्रीयित कर्मचारियों की आजादी के 75वर्ष बाद भी सेवा नियमावली न बनाया जाना, वर्ष 2001 तक कार्यरत दैनिक वेतन, संविदा, तदर्थ, धारा-108 आदि के कर्मचारियों का विनियिमतीकरण न किया जाना, पुरानी पेंशन बहाली, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार विभिन्न संवर्गों में व्याप्त वेतन विसंगतियों का समाधान नहीं किया गया जिसमें लिपिक संवर्ग, राजस्व संवर्ग, सुफाई कर्मचारी, चालक संवर्ग, जलकल के विभिन्न संवर्ग आदि के साथ 13 सूत्रीय मांगपत्र लम्बित है। उपरोक्त के दृष्टिगत शशि कुमार मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष महासंघ ने प्रदेश के विभिन्न ईकाईयों कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, अलीगढ़, वाराणसी, मुरादाबाद, बरेली, फिरोजाबाद, झाँसी आदि के साथियों से विचार-विमर्श करने के बाद 19 फरवरी, 2024 को प्रदेश की सभी ईकाईयों के मुख्यालय पर दोपहर 12ः00 बजे गेट मीटिंग कर,आन्दोलन के माध्यम से विरोध व्यक्त किया करेगा।

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