देश के सभी क्षेत्र में मबौद्धिक क्षमता का नेतृत्व यही हमारे बच्चे करेंगे

  • कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षण में आई रुकावटों और नए शिक्षण का आंकलन कर सुधारात्मक उपाय करने पूरे देश में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण..
  • शिक्षण क्षेत्र में दो एकेडमिक वर्षों के नुकसान की भरपाई के लिए रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी..

कोविड-19 महामारी ने वैश्विक रूप से हर क्षेत्र में भारी क्षति पहुंचाई। हमारे लाखों परिवारों से उनके सदस्यों को छीनकर असहनीय दुख और पीड़ा पहुंचाई। फिर भी हार ना मानते हुए मानव ने अपने ज़ज़बे और जांबाज़ी से उसके साथ युद्धस्तर पर मुकाबला कर उसकी जकड़न से निकलने की कगार पर है। हालांकि अभी भी कई देशों में यह महामारी अपना प्रकोप बनाए हुए हैं। साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारत में भी अभी इस महामारी का प्रकोप जारी है, रोज़ दस हज़ार के ऊपर कोविड बाधित नए पेशेंट आरहे हैं, ऊपर से ज़ीका ने भी कहर मचाया हुआ है  मृतकों की संख्या करीब तीन सौ पार जा रही है। इसलिए हमें सावधान और सचेत रहना होगा। 

लॉकडाउन और नियमों में ढील को नजरअंदाज कर पूर्ण सावधानी और सतर्कता ज़रूरी है। साथियों बात अगर हम इस महामारी द्वारा शिक्षा क्षेत्र को पहुंचाएं नुकसान की करें तो प्री प्ले स्कूल से लेकर एमबीबीएस बीई, लॉ, सिविल सर्विसेस सहित अन्य उच्च स्तर पर भर्तियों की परीक्षाओं को भी बाधित किया। छोटे बच्चों की स्कूल अभी भी कई राज्यों में बंद है। 

साथियों बात अगर हम इस महामारी के दौरान शिक्षण में आई रुकावटों और नए शिक्षण का आंकलन कर सुधारात्मक उपायों की करें तो अब यह तात्कालिक अनिवार्य हो गया है कि हम पिछले दो एकेडमिक सालों के नुकसान की भरपाई करने कोई ठोस रणनीति रोडमैप बनाएं, ताकि इस नुकसान की भरपाई कर सकें, हमें कोई अल्टरनेट प्राप्त हो। हालांकि हम बीते समय को वापस नहीं ला सकते परंतु हम मानव बुद्धि का उपयोग कर ऐसी कोई तकनीकी या उपाय निकालें ताकि हमारे देश को शिक्षा के कारण हुई क्षतिपूर्ति की भरपाई की जा सके। क्योंकि हमारे देश के हर बौद्धिक क्षेत्र, बौद्धिक क्षमता का नेतृत्व यही हमारे बच्चे करेंगे। 

इस दिशा में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा कार्य शुरू किया गया है इसमें, 12 नवंबर 2021 से राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) शुरू किया गया है। जो इसके  4 साल पहले भी 13 नवंबर 2017 को आयोजित किया गया था। बात अगर हम शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 10 नवंबर 2021 की पीआईबी की करें तो, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का अगला दौर पूरे देश में 12 नवम्‍बर, 2021 को आयोजित किया जाएगा, जिससे कोविड महामारीके दौरान शिक्षण में आई रुकावटों और नए शिक्षण का आकलन करने और सुधारात्‍मक उपाय करने में मदद मिलेगी। 

आज उपकरण, विकास परीक्षा, परीक्षा मदों को अंतिम रूप देने, स्‍कूलों के नमूने आदि का कार्य एनसीईआरटी द्वारा किया गया है। हालांकि, नमूने लिए गए स्कूलों में परीक्षा की वास्तविक व्‍यवस्‍था संबंधित राज्यों/ केन्‍द्र शासित प्रदेशों के साथ सहयोग से सीबीएसई द्वारा की जाएगी। एनएएस 2021 में पूरे देश के सभी स्कूलों यानी सरकारी स्कूलों (केन्‍द्र सरकार और राज्यसरकार) सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और निजी स्कूलों को शामिल किया जाएगा। यह उम्‍मीद की जाती है कि 36 राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों में लगभग 1.23 लाख स्कूल और 38 लाख छात्र एनएएस 2021 में शामिल होंगे। 

एनएएस कक्षा 3 और 5 के लिए भाषा, गणित और ईवीएस में; कक्षा 8 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में और कक्षा 10 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी में किया जाएगा।परीक्षा असमी, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मिजो, उड़िया, पंजाबी, तमिल तेलुगू, उर्दू, बोडो, गारो, खासी, कोंकणी, नेपाली, भूटिया और लेप्चा को शामिल करते हुए शिक्षा के 22 माध्यमों में आयोजित की जाएगी। 

भारत सरकार तीन वर्ष की चक्र अवधि के साथ कक्षा 3, 5, 8 और 10वीं के आकलन के उद्देश्य से नमूना आधारित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) का एक आवर्ती (रोलिंग) कार्यक्रम लागू कर रही है। पिछला राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण कक्षा 3, 5 और 8 के स्‍तर पर बच्चों में विकसित योग्‍यताओं का आकलन करने के लिए 13 नवम्‍बर, 2017 को आयोजित किया गया था। इस सर्वेक्षण को सुचारू और निष्पक्ष रूप से आयोजित करने के लिए 1, 82, 488 क्षेत्र अन्वेषक, 1, 23, 729 पर्यवेक्षक, 733 जिला स्तरीय समन्वयक और जिला नोडल अधिकारियों के अलावा प्रत्येक राज्य और केन्‍द्र शासित प्रदेश में 36 राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, इस सर्वेक्षण के समग्र कामकाज की निगरानी और सर्वेक्षण के निष्पक्षआयोजन को सुनिश्चित करने के लिए जिलों में 1500 बोर्ड प्रतिनिधि नियुक्त किए गए हैं। 

सभी कर्मियों को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के संबंध में व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है। इस एनएएस को आयोजित करने के लिए सीबीएसई के अध्‍यक्ष के नेतृत्‍व में एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया गया है। एनएएस 2021 को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए विभिन्‍न प्रमुख पदाधिकारियों के साथ तालमेल को सक्षम बनाने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की गई है। 

एनएएस 2021 के लिए प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्‍तरों के लिए राज्य और जिला रिपोर्ट कार्ड जारी किए जाएंगे और इन्‍हें सार्वजनिक क्षेत्र में रखा जाएगा। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षण में आई रुकावटों और नए शिक्षण का आंकलन कर सुधारात्मक उपाय करने पूरे देश में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण सराहनीय है तथा शिक्षण क्षेत्र में दो एकेडमिक वर्षों के नुकसान की भरपाई के लिए रणनीतिक रोडमैप बनाना अनिवार्य है। संकलनकर्ता -किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र।


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