बेटियों से भेदभाव रखने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा


अनोखी मिसाल

रिश्ते की बहन के पैर धो पानी पीकर किया कन्यादान

संजय गोस्वामी 

आगरा. देशभर में महिलाओं तथा युवतियों के साथ हो रहे दुराचार की घटनाओं में कहीं ना कहीं अपनों का हाथ अवश्य होता है जहां एक और संपत्ति के बंटवारे लालच अहम और बहम के चलते आए दिन रिश्तो  के खून होने की जानकारी प्राप्त होती है वही मोहब्बत की नगरी आगरा के शाहगंज क्षेत्र के आजम पारा में मुस्लिम युवक ने अपने रिश्ते की बहन के पैर धोकर पानी पीने के बाद कन्यादान कर एक अनोखी मिसाइल कायम की है ऐसा ना कभी देखा गया है और ना ही कभी सुना गया है यह पुत्र व पुत्री में भेदभाव भ्रूण हत्या करने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा रिश्तो का खून करने वालों के लिए एक सबक है

खून के रिश्तो से बढ़कर भी हो सकते हैं दिल के रिश्ते..

आजम पाड़ा निवासी चौधरी कलुआ उस्मानी की पुत्री सबीना का निकाह धौलपुर राजस्थान निवासी इसराइल के साथ हुआ  कलुआ उस्मानी की पिछले दिनों मौत हो चुकी सबीना का कन्यादान मुंह बोले भाई लोकसभा चुनावों के दौरान फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से वंचित समाज इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी रहे नवाब गुल चमन शेरवानी को करना था चर्चित मुस्लिम युवक नवाब गुल चमन शेरवानी ने पुत्र पुत्री में भेदभाव रखने वाले खून के रिश्तो को तवज्जो देने वाले लोगों को एक संदेश देते हुए सबीना खानम के पैरों को थाली में रखकर पानी से धोएं और उसी पानी को पी कर अपनी मुंह बोली बहन की विदाई कर रिश्तो का खून करने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा कर एक अनोखी मिसाल कायम की है.

मूल रूप से सादाबाद के रहने वाले 40 वर्षीय गुल चमन शेरवानी को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम तथा तिरंगा प्रेम के चलते उसके परिवार ने 9 वर्ष की उम्र में घर से निकाल दिया था उस समय सबीना की बुआ निसंतान बेगम सलमा उस्मानी पत्नी अब्दुल सत्तार उस्मानी निवासी न्यू खवासपुरा शाहगंज ने गुल चमन शेरवानी को आसरा दिया था उसी दौरान शेरवानी तथा सबीना के बीच बहन भाई का  रिश्ता कायम हुआ था कलुआ उस्मानी भी शेरवानी को अपने पुत्र की तरह मानते थे राष्ट्रगीत वंदे मातरम तथा तिरंगा प्रेम के चलते शेरवानी के साथ समाज के अधिकतर लोग रिश्ता रखना नहीं चाहता था ऐसे में शेरवानी को कोई भी अपनी बेटी देने को तैयार नहीं था तो कलुआ उस्मानी ने आगे बढ़ते हुए अपनी पुत्री हिना नाज उस्मानी का निकाह शेरवानी के साथ कर दिया लेकिन शेरवानी और शबीना खानम अपने बहन भाई के रिश्ते पर कायम रहे लेकिन कलुआ उस्मानी के रिश्तेदार व समाज के लोग इस रिश्ते को मानने को तैयार नहीं थे लोगों का मानना है कि सबीना और शेरवानी के बीच  मुंह बोला दिल का भाई बहन का रिश्ता है खून का नहीं खून के रिश्तो के आगे मुंह बोले रिश्तो की कोई अहमियत नहीं होती है शबीना की बड़ी बहन शेरवानी की पत्नी है ऐसे में सबीना और शेरवानी के बीच बहन भाई का रिश्ता कैसे हो सकता है हालांकि दोनों परिवारों में इस बात को लेकर किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं था दोनों भाई बहन की उम्र में 20 साल का अंतर है. 

शेरवानी साबित करना चाहते थे कि खून के रिश्तो से बढ़कर दिल के रिश्ते हो सकते हैं अपने पवित्र रिश्ते को समाज के सामने लाना चाहते थे इसलिए शेरवानी ने यह कदम उठाया माजरा देख वहां मौजूद लोग अचमित्र रह गए कुछ लोगों की आंखों से आंसू भी छलक आए क्योंकि ऐसा किसी ने ना पहले कभी देखा था और ना ही कभी सुना था शादी में आए बारातीयों ने दोनों भाई बहन के रिश्ते की जमकर सराहना की तथा वर वधु को दिल से दुआएं दी दूल्हे के पिता वजीर खां उस्मानी ने शेरवानी को आश्वासन दिया कि वह उसकी बहन को हमेशा अपनी बेटी की तरह रखेंगे किसी भी तरह का कभी भी कोई दुख नहीं होने देंगे इसे भाई बहन का प्यार करें या अग्नि परीक्षा लेकिन दोनों भाई-बहन के इस कदम ने साबित कर दिया है कि खून के रिश्तो से बढ़कर भी हो सकते हैं दिल के रिश्ते!

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