अमृत फल आंवला
गरिमा सिंह
आयुर्वेद आंवले को अमृत के समान गुणकारी मानता है। भरपूर विटामिन ‘सी’ की उपलब्धता के कारण आधुनिक विज्ञान भी इसे बहुत लाभदायी फल की श्रेणी में रखता है। इसमें नारंगी से 3 गुना विटामिन सी पाया जाता है और इससे भी खास बात यह कि गर्म करने पर अथवा उबालने पर भी इसकी इसमें निहित विटामिन ‘सी’ नष्ट नहीं होती। इसलिए, आंवले को च्यवनप्राश, जूस, चूर्ण, मुरब्बा अथवा अचार किसी भी रूप में लें, यह समान रूप से लाभकारी है।
विटामिन ‘सी’ के अतिरिक्त इसमें अन्य विटामिंस और खनिज पदार्थ भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आयुर्वेद आंवले को शरीर शोधक मानता है। इस फल के सेवन से हानिकारक विषैले तत्त्व शरीर में इकट्ठे नहीं हो पाते और इसके कारण रोगों के होने की संभावना बहुत न्यून हो जाती है। आंवला शरीर में पहले से जमा विषैले तत्त्वों की सफाई कर कायाकल्प कर देता है। आंवले में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल को बनने ही नहीं देता। इसमें पाया जाने वाला पेक्टिन शरीर में कॉलेस्ट्रोल को नहीं बनाने देता हैं और हृदय की मांशपेशियों को मजबूती देता है।
आंवले को आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आंवला आंखों की ज्योति को बढ़ाता है। मोतियाबिंद, कलर ब्लाइंडनेस, रतौंधी या कम दिखाई पड़ने जैसे नेत्र रोगों में यह बहुत कारगर है। आंखों के दर्द में भी यह बहुत लाभप्रद माना जाता है।
आंवला पाचनशक्ति की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। बेहतर क्रियाशीलता के कारण ही हमारा शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहता है। आंवला भोजन को पचाने में बहुत मददगार साबित होता है। आंवले को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करना चाहिए, इससे कब्ज की शिकायत दूर होती हैं, पेट हल्का रहता है। रक्त की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।
आंवला में क्रोमियम पाया जाता है, जो कि डायबिटीज में बहुत उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त क्रोमियम, ब्लॉकर के प्रभाव को कम करता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। आंवला खराब कोलेस्ट्रोल को खत्म कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बनाने में मदद करता हैं। महिलाओं में माहवरी की समस्या आम होती जा रही है। माहवारी का देर से आना ,ज्यादा रक्तस्राव होना, जल्दी-जल्दी आना, कम आना, पेट में दर्द का होना, ऐसी कई समस्याएं होती रहती हैं। इन सबमें आंवला का सेवन फायदेमंद होता है। आंवला में मिनरल्ज, विटामिंस पाए जाते हैं। अगर आंवला का सेवन नियमित किया जाए तो महावारी की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
आंवला प्रजनन के लिए बहुत ही उत्तम हैं। आंवला के सेवन से पुरुषों में शुक्राणु की क्रियाशीलता और मात्रा बढ़ती है और महिलाओं में अंडाणु अच्छे और स्वस्थ बनते हैं, माहवारी नियमित हो जाती है। आंवले के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और उन्हें ताकत मिलती है। आंवले के सेवन से ओस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस एवं जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। आंवला के सेवन से तनाव में आराम मिलता है अच्छी नींद आती है। आंवला में कीटाणुओं और फंगस से लड़ने की क्षमता होती है और यह बाहरी बीमारियों से भी हमें बचाती है। आंवला शरीर को पुष्ट कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और टॉक्सिंस यानी विषाक्त पदार्थ को हमारे शरीर से निकाल देता है। आंवला मौसम में होने वाले बदलाव के कारण होने वाले वायरल संक्रमण से भी बचाता है।
आंवला अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस, पेट में संक्रमण जैसे विकार को खत्म करता है। यह मूत्र विकारों में भी लाभप्रद है। यह किडनी में होने वाले संक्रमण को भी खत्म करता है। किडनी में होने वाले पथरी से मुक्ति दिलाने में भी यह सहायक है। आंवला के रस का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। अतिरिक्त चर्बी को गलाने में यह बहुत सहायक है।
आंवला हमारे हृदय के मांसपेशियों के लिए उत्तम होता है। यह हृदय की नलिकाओ में होने वाली रुकावट को खत्म करता है। आंवले को किसी भी रूप में आप ले सकते हैं। आंवले का नियमित सेवन आपके शरीर का कायाकल्प कर उसे निरोग बना देता है। लोक कहावत के अनुसार आंवला एक अनार सौ बीमारियों की दवा होती है।
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