जिस पर रिश्वत मांगने का आरोप, तहसीलदार ने उसी को दे दी जाॅंच?

  • मामला लखनऊ के तहसील मलिहाबाद का हाल..
  • दस हजार रूपये लिए बिना खेत नापने नहीं जाएगा कानूनगो..

लेखराम मौर्य

लखनऊ। ईमानदार सरकार के शासन में किस कदर भ्रष्टाचार व्याप्त हो चुका है यह इस बात से पता चलता है कि मलिहाबाद तहसील में तैनात एक कानूनगो दस हजार रू0 न देने पर किसान के खेत का एक साल से सीमांकन नहीं कर रहा है इस बात की शिकायत जब किसान ने तहसीलदार से की तो उन्होंने पूरा प्रार्थना पत्र बिना पढ़े ही जिसकी शिकायत उसी को जांच दे दी। ज्ञात हो कि किसान ने हदबरारी के लिए एसडीएम कोर्ट में दाखिल वाद में एक साल पहले दो हजार रू0 फीस भी जमा कर रखी है लेकिन अनेकों प्रार्थना पत्र देनेे के बावजूद एक साल से थाने से तहसील और तहसील से थाना दौड़ चल रही है। 

यही नहीं हद तो तब हो गयी जब इस प्रशासनिक लापरवाही के चलते एक दबंग व्यक्ति ने किसान के खेत में जेसीबी से मेड़ तोड़कर रास्ता बना दिया। जिसकी शिकायत तहसीलदार से की तो उन्होंने प्रभारी निरीक्षक मलिहाबाद को कार्रवाई के लिए लिख दिया लेकिन उस पर पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। 

सोमवार को ओमप्रकाश व श्रीपाल निवासी गढ़ी संजर खाॅं ने तहसीलदार मलिहाबाद से लिखित शिकायत की कि आदेश के बावजूद एक साल से कानूनगो सीमांकन नहीं कर रहे हैं जिसमें ओमप्रकाश ने कानूनगो पर 10 हजार रू0 खर्चा मांगने का आरोप लगाया। चन्दवारा निवासी अवधेश अग्निहोत्री ने बताया कि उन्हांेने दो साल पहले हदबरारी के लिए कोर्ट में फीस जमा कर दी थी उसके बाद सीमांकन की तारीख तय हो गयी लेकिन काम का बोझ बताकर उसे टाल दिया गया जिसकी दोबारा एक साल से तारीख नहीं लगी। 

उन्होंने तहसील प्रशासन पर जनता का काम न करने का आरोप लगाते हुए बिना पैसे के काम न होने की आशंका जताई। इसके अलावा इस तरह के दर्जनों मामले कानूनगो और लेखपालों के पास फाइलों में कैद हैं जिसके लिए किसान सालों से तहसील के चक्कर लगा रहे हैं।

गढ़ी संजर खां के सुनील कुमार ने कहा कि अभी तक तहसील और थाने की नींद नहीं टूटी है वर्ना सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हट जाता। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर सरकार को बदनाम करने के लिए काम न करने का गम्भीर आरोप लगाया। पिछले सप्ताह जो खबर प्रशारित हुई थी उस पर आज तक एक भी कब्जा नहीं हटाया गया है।

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