कारगिल पुलवामा को भूल नहीं पाएंगे
डा बीना सिह
मेरा हिंदुस्तान
मैं पूछ रही हूं भारत के कोटि-कोटि जनता से
सत्ताधारी राज्य के उन सभी नेताओं से
कब तलक तुम्हारे
अकल सही ठिकाने आएंगे
दुश्मन जब घर में घुसकर सर्वनाश कर जाएंगे
कारगिल ना भूलेंगे ना हम भूलेंगे
पुलवामा अपने अंजाम को पहनाना होगा असली जामा
मानवता के नाम पर
कितने रस्म हम निभाएंगे
बताओ कितने मां के लाल
अब और मारे जाएंगे
भेड़ियों के चाल को नाकाम करना होगा
सिंघनी के संतान है हम
सिंह सा संहार करना होगा
बस किसी शर्त पर हम
खामोश नहीं रह पाएंगे
जब चिड़िया चुग गई खेत
तो बोलो क्या हम कर पाएंगे
एक के बदले दस सिरो का
सौदा करना होगा
किसी के बहकावे में न
कोई समझौता करना होगा
हम उन चूड़ी बिंदी सिंदूर का
अनमोल भाव लगाएंगे
सुनो कमीनों तेरी औकात
अब हम तुझे बताएंगे
हमे एक पल भी अब देर
नहीं करना है नापाक दुश्मनों
के सीने को छलनी करना है
सुनो सुनो वो गीदड़ की औलाद
माफ तुम्हें ना हम कर पाएंगे
कश्मीर में घर-घर अपना प्यारा
तिरंगा हम लहराएंगे
अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है
रुकना है तो रुक जाओ
अरे बेशर्म नाम खुदा का क्या
इस तरह बदनाम कर आओगे
कहते हो कि हम जेहादी हैं
और जेहादी ही बनाएंगे
नासमझ जब नेशनाबुत हो जाओगे भारत के हाथों
तो क्या इंटे पत्थर खंडहर
से जेहादी पैदा कर पाओगे
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