आगे बढ़..

सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता"

आगे बढ़  हाथ उठा     नाम बना

कर्म कर  ऊंचा उठ  पहचान बना

पहचान बना अपनी चिंताएं छोड़

स्वयं कर भरोसा,जटिल राहें मोड़

कहे "उड़ता" सपने आते हैं करीब

खुशी मिलती है बदलता है नसीब


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