पुलिस सेवकों के स्थानांतरण के बाद विधायकों व प्रभारी मंत्री में रार!

 

दो दिन पूर्व जिले के थाना व चौकी में पदस्थ पुलिस महकमे में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पश्चात एसपी ने जारी किया था स्थानांतरण सूची 

पारसनाथ प्रजापति 

सिंगरौली। शनिवार को जिले के करीब 60 पुलिस सेवकों का तबादला हुआ। तबादला सूची सार्वजनिक होते ही कुछेक विधायकों व प्रभारी मंत्री के बीच तकरार बढ़ गया है। हालांकि संगठन इस मामले में चुप है। तो वहीं विधायकों में भारी नाराजगी है। विधानसभा अध्यक्ष एवं प्रभारी मंत्री को आड़े हाथों लिया गया है। हालांकि इस मामले में कोई भी विधायक खुलकर बात नहीं कर रहे हैं, किन्तु तबादले सूची से नाखुश जरूर नजर आ रहे हैं। दरअसल शनिवार को पुलिस अधीक्षक सिंगरौली ने दो टीआई सहित 60 पुलिस सेवकों का स्थानांतरण सूची जारी किया। इस स्थानांतरण में उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक व आरक्षक शामिल हैं।

स्थानांतरण सूची सार्वजनिक होते ही विधायकों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया है। हालांकि एसपी ने प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत पुलिस सेवकों के तबादला सूची को जारी किया था, लेकिन अब इस तबादला सूची को लेकर विधायकों की नाराजगी से पुलिस अधिकारी भी सन्न हैं। सूत्रों के मुताबिक विधायकों का कहना है कि बिना राय परामर्श व सहमति के मनमानी तौर से कुछ पुलिस सेवकों का स्थानांतरण किया गया है। जबकि ऐसे कई पुलिस कर्मी हैं जो कई थाने व चौकियों में कई सालों से पदस्थ हैं उन पर निगाह नहीं गयी। वहीं यह भी चर्चा है कि इस तबादला सूची से विधायकों की इतनी नाराजगी बढ़ गयी है कि प्रभारी मंत्री भी सकते में आ गये हैं। उन्हें फोन के माध्यम से अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि जो मनमानी तरीके से तबादला किया गया है उन्हें तत्काल रोकें। वहीं विधानसभा अध्यक्ष को भी अवगत करा दिया गया है। 

विधायकों के इस कड़े तेवर व चेतावनी से जहां पुलिस अधिकारी सन्न हैं। वहीं प्रभारी मंत्री भी पशोपेश में फस गये हैं। ऐसे हालात में अब विधायकों को मनाने की कवायदें शुरू हैं। लेकिन नाराज विधायक उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में अब पुलिस महकमे में हुए तबादला को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विधायक किन पुलिस सेवकों के तबादले से खफा हैं इसका अभी ठोस जानकारी नहीं मिल पा रही है। फिलहाल जिले में तबादला की पहली सूची जारी हुई और उस पर भी संकट के बादल मडऱाने लगे हैं। अभी कई विभागों की तबादला सूची और आने वाली है। ऐसे में यदि विधायकों व भाजपा संगठनों के मन मुताबिक अधिकारियों, कर्मचारियों में फेरबदल नहीं हुआ तो यह विवाद गहरा सकता है। 

विधायकों में बढ़ी नाराजगी, मची खलबली

पुलिस महकमें में तबादला के बाद विधायकों की नाराजगी सातवें आसमान पर है। सूत्र बताते हैं कि एक ओर जहां प्रभारी मंत्री को फोन के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करा दिया है। वहीं पुलिस अधीक्षक को भी बताया गया है कि जो मनमानी तरीके से पुलिस सेवकों के तबादला किये गये हैं उस पर विचार करें। विधायकों के इस कड़े रूख से पुलिस अधिकारियों में जहां खलबली मची है। वहीं इसकी शिकायत भाजपा प्रदेश शीर्ष नेतृत्व भोपाल तक पहुंच गयी है। विधायकों के तल्ख तेवर से प्रभारी मंत्री भी डेमेज कन्ट्रोल में लगे हुए हैं। बावजूद इसके विधायक अपने जिद पर अड़े हैं कि मनमानी तरीके से बगैर राय मसविरा के तबादला कैसे कर दिया गया है। अब यह मामला दिनों-दिन जोर पकड़ता जा रहा है। तो वहीं तबादला को लेकर विधायकों की नाराजगी से बड़ा प्रश्चचिन्ह खड़ा होने लगा है। 

भोपाल तक पहुंच गयी शिकायत

सूत्र बता रहे हैं कि जिले के पुलिस महकमे में हुए तबादला के बाद विधायकों की नाराजगी की बात भोपाल तक पहुंच गयी है। हालांकि भाजपा संगठन का इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। लेकिन जन चर्चाओं के मुताबिक उनमें भी नाराजगी है। दबी जुबान में कई पार्टी के पदाधिकारी अपने-अपने नेताओं के यहां विरोध दर्ज करा दिये हैं और उन्हीं के विरोध के कारण विधायक भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए खुलकर सामने आ गये हैं। फिलहाल कई पुलिस सेवक अपने नवीन पदस्थापना थाना, चौकी में आमद नहीं दिया है। संभवत: विधायकों के नाराजगी को देख उन्हें यथावत रखा जा सकता है। अब देखना है कि विधायकों की नाराजगी से पुलिस तबादले की सूची में कितना संशोधन होता है।

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